कविता के इस अर्थात में विश्लेषण के जो औज़ार हैं वह जन से लिए गए है और लक्ष्य भी साहित्य के ख़ास को आम के लिए बोधगम्य बनाना है.
2.
इसका एक ही उपाय है किउन तत्वों को, उन सिद्धांतों को बोधगम्य बनाना, उनको ऐसे रूप में सामने रखना जिससे साधारण जनता ठीक प्रकार से समझ सके और हृद्यंगम कर सके।
3.
बच्चों की कहानियों में आमतौर पर विभिन्न जंतुओं के लिए ‘चालाक लोमडी ', ‘धूर्त सियार', ‘कपटी मगरमच्छ' जैसी उपमाओं का प्रयोग किया जाता है लेकिन इसका उद्देश्य केवल कहानी को बच्चों (और बड़ों) के लिए रोचक और बोधगम्य बनाना होता है, किसी जन्तुविशेष को अन्य जंतुओं से हीन दिखाना या उसका अपमान करना नहीं.
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बच्चों की कहानियों में आमतौर पर विभिन्न जंतुओं के लिए ' चालाक लोमड़ी ', ' धूर्त सियार ', ' कपटी मगरमच्छ ' जैसी उपमाओं का प्रयोग किया जाता है लेकिन इसका उद्देश्य केवल कहानी को बच्चों (और बड़ों) के लिए रोचक और बोधगम्य बनाना होता है, किसी जन्तु विशेष को अन्य जंतुओं से हीन दिखाना या उसका अपमान करना नहीं।